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लेखक:

मंगलेश डबराल

जन्म : मई 16, 1948

निधन : दिसम्बर 09, 2020

मंगलेश डबराल का जन्म 16 मई, 1948 को उत्तराखंड में टिहरी ज़िले के गांव काफलपानी में हुआ। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लंबे समय तक काम करने के बाद वे तीन वर्ष तक नेशनल बुक ट्रस्ट के सलाहकार रहे। 

उनके पांच कविता संग्रह ‘पहाड़ पर लालटेन’, ‘घर का रास्ता’, ‘हम जो देखते हैं’, ‘आवाज़ भी एक जगह है’, ‘नये युग में शत्रु’; तीन गद्य संग्रह ‘एक बार आयोवा’, ‘लेखक की रोटी’, ‘कवि का अकेलापन’ और साक्षात्कारों का एक संकलन प्रकाशित हैं। 

उन्होंने बेर्टोल्ट ब्रेश्ट, हांस माग्नुस ऐंत्सेंसबर्गर, यानिस रित्सोस, जि़्बग्नीयेव हेर्बेत, तादेऊष रूज़ेविच, पाब्लो नेरूदा, एर्नेस्तो कार्देनाल, डोरा गाबे आदि की कविताओं का अंग्रेज़ी से अनुवाद किया है। वे बांग्ला कवि नबारुण भट्टाचार्य के संग्रह ‘यह मृत्यु उपत्यका नहीं है मेरा देश’ के सह-अनुवादक भी हैं। 

उन्होंने नागार्जुन, निर्मल वर्मा, महाश्वेता देवी, उ र अनंतमूर्ति, गुरदयाल सिंह, कुर्रतुल-ऐन हैदर जैसे कृती साहित्यकारों पर वृत्तचित्रों के लिए पटकथा लेखन किया है। वे समाज, संगीत, सिनेमा और कला पर समीक्षात्मक लेखन भी करते रहे हैं।

प्रायः सभी भारतीय भाषाओं के अलावा अंग्रेज़ी, रूसी, जर्मन, डच, फ्रांसीसी, स्पानी, इतालवी, पुर्तगाली, बल्गारी, पोल्स्की आदि विदेशी भाषाओं के कई संकलनों और पत्र-पत्रिकाओं में मंगलेश डबराल की कविताओं के अनुवाद प्रकाशित हैं। मरिओला ओप्ऱे$दी द्वारा उनके कविता-संग्रह ‘आवाज़ भी एक जगह है’ का इतालवी अनुवाद ‘अंके ला वोचे ऐ उन लुओगो’ नाम से प्रकाशित हुआ और अंग्रेज़ी अनुवादों का एक चयन ‘दिस नंबर दज़ नॉट एग्ज़िस्ट’ भी शीघ्र प्रकाश्य है। उन्हें ओम् प्रकाश स्मृति सम्मान, शमशेर सम्मान, पहल सम्मान, साहित्य अकादेमी पुरस्कार, हिंदी अकादेमी दिल्ली का साहित्यकार सम्मान और कुमार विकल स्मृति सम्मान आदि प्राप्त हुए हैं। उन्होंने आयोवा विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय लेखन कार्यक्रम, जर्मनी के लाइपज़िग पुस्तक मेले, रोतरदम के अंतरराष्ट्रीय कविता उत्सव में और नेपाल, मॉरिशस और मॉस्को की यात्राओं के दौरान कई जगह कविता पाठ किये हैं। जन संस्कृति मंच से जुड़े हुए मंगलेश डबराल आजीविका के लिए पत्रकारिता करते रहे हैं।

ई 204 जनसत्ता अपार्टमेंट्स, सेक्टर 9, वसुंधरा, ग़ाज़ियाबाद-201012
ई-मेल: mangalesh.dabral@gmail.com

एक सड़क एक जगह

मंगलेश डबराल

मूल्य: Rs. 180

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कवि का अकेलापन

मंगलेश डबराल

मूल्य: Rs. 395

यह डायरी एक बेचैन व्यक्ति, एक आम नागरिक, एक पुत्र, एक दोस्त, एक संगीत-प्रेमी और इन सबसे थोड़ा ज़्यादा एक कवि के रूप में मंगलेश डबराल को हमारे सामने खोलने का काम करती है

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घर का रास्ता

मंगलेश डबराल

मूल्य: Rs. 250

दरअसल घर का रास्ता की एक से दूसरी कविता तक हमें अनुभवों, बिंबों और जीवन-स्थितियों का एक ऐसा संसार मिलेगा कि हम रह-रहकर पहचानेंगे कि यह तो हमारा कितना अपना है।

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नये युग में शत्रु

मंगलेश डबराल

मूल्य: Rs. 195

मंगलेश असाधारण संतुलन के कवि हैं-उनकी कविता ने न यथार्थ-बोध को खोया है, न अपने निजी संगीत को

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पहाड़ पर लालटेन

मंगलेश डबराल

मूल्य: Rs. 250

अपने अनेक समकालीन जनवादी कवियों से मंगलेश कई अर्थों में भिन्न और विशिष्ट है

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पानी का पत्थर

मंगलेश डबराल

मूल्य: Rs. 199

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प्रतिनिधि कविताएँ : मंगलेश डबराल

मंगलेश डबराल

मूल्य: Rs. 99

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मुझे दिखा एक मनुष्य

मंगलेश डबराल

मूल्य: Rs. 150

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सिर्फ़ यही थी मेरी उम्मीद

मंगलेश डबराल

मूल्य: Rs. 450

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सेतु समग्र : कविता विष्णु खरे

मंगलेश डबराल

मूल्य: Rs. 550

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स्मृति एक दूसरा समय है

मंगलेश डबराल

मूल्य: Rs. 125

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हम जो देखते हैं

मंगलेश डबराल

मूल्य: Rs. 295

मंगलेश डबराल की कविताएँ

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